Wednesday, August 7, 2013

निर्मल बाबा

पप्पू:- बाबा मुझे रास्ता दिखाओ...मेरी शादी नही हो राही है, मैं बहुत चिंतीत हुं...

निर्मल बाबा:- बेटा आप क्या करते हो..??

पप्पू:- शादी होने के लिये कौनसा काम उचित रहेगा बाबा..??

निर्मल बाबा:- तुम मिठाई कि दुकान खोल दो..किरपा आनी शुरू जायेगी..

पप्पू:- बाबा, वो खोली हुई है, मेरे फादर कि मिठाई कि हि दुकान है...

बाबा:- दुकान शनिवार के दिन सुबह ९ बजे खोल दिया करो...

पप्पू:- शनि मंदिर के पास हि मेरी दुकान है और ९ बजे हि खोलता हुं...

बाबा:- काले रंग के कुत्ते को मिठाई खिलाया करो...

पप्पू:- मेरे घर में बाबा एक काला कुत्ता हि है, सुबह शाम उसको मिठाई खिलाता हुं...

बाबा:- सोमवार को शिव मंदिर जाया करो...किरपा आनी शुरू जायेगी..

पप्पू:- मैं केवल सोमवार हि नही हरदिन शिव मंदिर जाता हुं बाबा...

बाबा:-कितने भाई बहन है...??

पप्पू:- बाबा आपके हिसाब से 'शादी होने के लिये' कितने भाई बहन होने चाहिये..??

बाबा:- दो भाई और एक बहन..

पप्पू:- मेरे तो सच में दो भाई और एक बहन है बाबा...

बाबा:- दान किया करो..

पप्पू:- बाबा मैने अनाथ आश्रम खोल रखा है, रोज दान करता हुं...

बाबा:- बद्रीनाथ कितनी बार गये हो ..??

पप्पू:- बाबा आपके हिसाब से 'शादी होने के लिये' कितनी बार बद्रीनाथ जाना चाहिये..??

बाबा:- कम से कम २ बार...

पप्पू:- मैं ३ बार जा चुका हुं बाबा...बाबा, एक सवाल पुछु आपसे..??

बाबा:- हां बेटा जरूर...

पप्पू:- क्या मेरे माथे पे आपको 'चुतीया' लिखा हुआ दिख रहा है..??

बाबा:- नही तो...

पप्पू:- तो फिर क्युं बैठे बैठे इतने सारे लोगोंको चुतीया बनाते हो..?? और एक बात बोलू बाबा...??

बाबा:- हां बोलो..

पप्पू:- मैं पहले से शादीशुदा हुं, और दो बच्चोंका बाप भी..इधर से गुजर रहा था, सोचा जाते जाते थोडी उंगली कर दू और आपकी पोल खोल दू...

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